कोयल पंछी अपने अंडे किसी दूसरे पंछी के घोसले में क्यों डालती है???

    
इस लेख में आप जानेंगे
  • कोयल अपने अंडे किसी दूसरे  के घोसले में क्यों देती है???
  • अंडे के अंदर चूजे कैसे तैयार होते है ?
  • अंडे के अंदर के जिव सांस कैसे लेता है ?
  • अंडा गोल ही क्यों होता है ?
  • चिड़िया का घोंसले के बारेमे रोचक जानकारी
  • चिड़िया का घोंसले क्यों ले जाते है लोग ?

         कोयल पंछी अपने अंडे किसी दूसरे पंछी के घोसले में डालती है , ऐसा आपने सुना ही होगा । यह बात वाकई में सही है । कोयल कभी अपना अंडा खुद के घोसले में नहीं देती । इस मामले में वह पराधीन होती है।कोयल की कुल 59 प्रजातियां होती है । इस प्रकार से भी अंडो के मामले में पराधीन होती है। यह प्रजाति ऐसा क्यों करती है,? क्या वे आलसी होते हैं ,? या कुछ ज्यादा ही चतुर होशियार होते हैं ? इसके पीछे कारण है अपना अंडा दूसरे पंछी केके घोस्ले में डालने से अंडा उबाने के लिए लगने वाला वक्त और ताकत बच जाती है । उतने वक्त में वह ज्यादा से ज्यादा अंडे देने का प्रयत्न करती है और खाना इकट्ठा करती है। है ना होशियार !!!



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       कोयल का दूसरे के घोसलें में अंडा देना इतना आसान नहीं होता है । उसके लिए नर और मादा कोयल मेहनत करते हैं। वे अलग अलग पैंतरे इस्तेमाल करती है । दूसरे पंछी के घोसलें में जो अंडे होते हैं ; उसी अंडे जैसा इसके अंडे का रंग होता है ।  कोयल के अंडे का कवच दो परतो से बना हुआ होता है। वह इसलिए क्योंकि दूसरे के घोसले में अंडे डालते वक्त वह फूटने नहीं चाहिए । जिसके घोसले में वह अंडे डालती है वह पालनकर्ता पंछी होता है। पालनकर्ता पंछी के अंडे फूटने से पहले कोयल के अंडे फुटकर उसमें से बच्चे बाहर आ जाते हैं । जन्म लेते ही एक कोयल के बच्चे इतने होशियार होते हैं कि वे पालनकर्ता पंछी के अंडे घोसलेसे बाहर फेंक देते हैं ; ताकि भोजन की कमी ना हो। उनको यह बात कोई सिखाता नहीं है ? जन्म लेतेही उन्हें यह कुदरतीज्ञान होता है।

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     कोयल की कुछ प्रजातियों में नर कोयल पालनकर्तापंछी को दूसरी तरफ आकर्षित कर लेता है । उसका ध्यान भटका कर, उसे घोसले से दूर लेकर जाता है ।तभी मादा कोयल अपने अंडे सुरक्षित तरीकेसे उसके घोसलेंमें डाल सकती है। कोई कोई  पालनकरता पंछी यह बात चुपचाप सह नहीं पाता । उसे कोयल की करतूत का पता चल जाता है । और वह कोयल ने डाले हुए अंडे अपने घोंसलेसे बाहर फेंक देता है , या चौच मार के छोड़ देता है । या फोड़ देता है । जब यह बात कोयल को समझती है , तब वह पालनकर्ता पंछी पर हल्लाबोल करती है । कभी कभी उनमे घमासान लड़ाई होती है, तो कभी कभी वह घोंसला तहस महस कर देती है । या फिर पालनकर्ता पंछियों के बच्चों को मार डालती है । इसे वैज्ञानिक भाषा में "माफिया हाइपोथेसिस" कहते हैं । हम इसे क्या कहेंगे ?
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            हमारे हिंदी भाषा में एक कहावत है "उल्टा चोर कोतवाल को डांटे " या फिर "चोर मचाये शोर " यह कहावत कोयल के ऊपर बिल्कुल फिट बैठती है।  ऊपर लिखी जानकारी कोयल पक्षी के बारे में थी , परंतु सिर्फ कोयल ही नहीं कई और पंछियों में भी या आदत पाई जाती है। और सिर्फ पंछी ही नहीं बल्कि कुछ मछलियां और कीटको मैं भी पाई गई है।  



किसी  भी जिव का अंडा गोल  ही क्यों होता है ?

अंडा गोल  ही क्यों होता है त्रिकोना या चौकोण वर्ग के आकार का क्यों नहीं होता ?
यह उसी तरह का प्रश्न है जैसे पहले मुर्गी या पहले अंडा ?
बॉर्डर पर अगर मुर्गी बैठी है , तो अंडा किस तरफ गीरेगा? इंडिया में या पाकिस्तान में?
 इन प्रश्नों का उत्तर तो किसी के पास नहीं है।  पर अंडा गोल ही क्यों होता है ,चौकोनी या त्रिकोणी क्यों नहीं होता ? इस सवाल का जवाब हमारे पास है।  तो आइए जानते हैं अंडा गोल ही क्यों होता है ?
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     जब कोई बड़ा पक्षी अंडे को उबाता है , तब अंडे पर बैठता है।  उस वक्त वह कप या बर्तन के आकार में आकर के घोसले  में ठीक तरह से फिट बैठ सकता है।  अंडा फिसल कर गिर गया और फूट गया ऐसा प्रकार नहीं होता।
     अंडे का आकार भी ऐसा है कि एक तरफ नुकीला गोल और दूसरी तरफ कम  नुकीला  गोल इससे इसकी वजह से घोसले  की कम जगह लगती है। और वह स्थिति ऊपर बैठे हुए मुर्गी या किसी और पंछी के लिए सुविधा पुर्ण होती है।
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      अंडा गोल होता है इसीलिए उसके ऊपर बाहर से दिया जाने वाला दबाव ज्यादा होते हुए भी ज्यादा नुकसान नहीं होता। क्योंकि यह दबाव अंदर से नहीं दिया जाता और अंडा फूटता नहीं। और जब तक अंडे से बच्चा बाहर नहीं आता तब तक वहां सुरक्षित रहता है। बाहर निकलने के लिए बच्चा अंदर से दबाव देता है और अंडा फूटता है। अंडे का कवच कठीन  होता है।
      अंडा गोल होने का एक कारण यह भी है कि जब कोई मादा पंछी में प्रजनन होने के बाद गर्भ ठहरता है।  पेट में अंडा तैयार होता है।  उसके बाद वह जननांग से  बिना किसी रूकावट के बाहर निकल आए। इस वजह से उसका  उसका एक विशिष्ठ आकार होता है ।

अंडे के अंदर जिव सास कैसे लेता है ?

         मां के गर्भ में शिशु जैसे सांस लेता है उसी प्रकार के जीव-जंतु भी अपनी मां के गर्भ में सांस लेते हैं।  लेकिन अगर हम बात करें अंडो  से जन्म लेने वाले प्राणी, जीव जंतुओं की तो सभी जानते हैं अंडा बंद होता है ; तो फिर अंडे के अंदर का जिव कैसे जिन्दा रहते होंगे।  तो आपको बता दें कि अंडे अलग-अलग प्रकार के होते है लेकिन सभी अंडो में लाखों-करोड़ों सेल्स होती है जो अलग-अलग प्रकार की होती है। जो कि चुजो के विकास और पोषण के लिए उन्हें ऑक्सीजन देती है और चूजे  के विकास के दौरान यह शुद्ध ऑक्सीजन की सप्लाई करती है। अंडे की बाहरी सतह में अतिसूक्ष्म छिद्र होते है। अंडे में मौजूद कोशिकाए उनके द्वारा ऑक्सीजन अंदर भेजने का साथ ही कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालने का काम करती है।
      जब अंडा मुर्गी के पेट में तैयार हो रहा होता है तब मुर्गी की आंतरिक  कोशिकाएं अंडे के   कोशिकांग तरल भाग में समा जाती है। यह कोशिकाएं पूर्णता शुद्ध ऑक्सीजन की सप्लाई करती है और कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालने का काम करती है। जिव के पालन-पोषण के लिए आवश्यक सारे अन्नद्रव्य अंडे में पहलेसे मौजूद होते है। अंडे के अंदर चूजे का विकास किस प्रकार होता है , उसकी प्रक्रिया आप इस विडिओ में देख सकते है।

मुर्गी के अंडे के चूजा कैसे विकसित होता है ?


चिड़िया का घोंसले के बारेमे रोचक तथ्य 

            चिड़िया का घोसला नर चिड़िया के द्वारा बनाया जाता है।  इसको बया चिड़िया बनाती है।  और इसके कई सारे घोंसले आपने अधिकतम जगहों पर लटके हुए देखे होंगे। यह देखने में बेहद सुन्दर लगते है। हजारो ,लाखो छोटे छोटे तिनको से बुना हुवा घोसला काफी मजबूत होता है। घोसले पेड़ों पर इस प्रकार से डिजाइन किए जाते हैं कि यह हवा पानी को सहन कर सकते हैं।  कितनी भी हवा चले यह टूटकर नहीं गिरते हैं और पानी गिरने पर भी इनके अंदर पानी नहीं जाता है।  बहुत ही कलाकारी से बनाए जाते हैं। भगवान ने कई पक्षियों, कीड़ों और जानवरों के लिए आश्चर्यजनक डिजाइन और संरचनाएं बनाने की अद्भुत क्षमता दी है। जानवरों और पक्षियों द्वारा बनाई गई कई संरचनाएं अविश्वसनीय और असाधारण हैं।
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           बया एक छोटी चिड़िया होती है। नर चिड़िया मादा चिड़िया को आकर्षित करने के लिए घोसला बनाता है।जो घोसला उसे पसंद नहीं आता उसको वह  रिजेक्ट कर देती है।  जिसका घोंसला चिड़िया को पसंद आ जाता है उस चिड़िया के साथ रहती है और उस घोसले में अंडे देती है।  अंडा देने के बाद चिड़िया चली जाती है और सारी जिम्मेदारी पर नर चिड़िया पर आ जाती है, जो अंडों की देखरेख करता है। यह चिड़िया के घोसले बनाने का कारण है। फोटो में जो घोसला आपको दिख रहां है , यह पूरा कंप्लीट घोसला है।  उसमें चिड़िया रह चुकी है। 
कुछ लोगों का कहना है कि चिड़िया एक घोसले में सिर्फ एक ही बार रहती है। या अंडे देती है। पुराने घोसले को मादा चिड़िया पसंद नहीं करती। अगली बार में दूसरे नए घोसले का इस्तेमाल करती है।  

चिड़िया का घोंसले क्यों ले जाते है लोग ? 
        पुराने घोसले चिडियो के किसी भी काम का नहीं होता है। इसलिए यदि आपको चिड़िया का कोई पुराना घोसला मिलता है तो आप उसे तोड़कर ले जा सकते है। उसका इस्तेमाल कर सकते हैं। चिड़िया के घोसले के संबंध में लोगो में अलग अलग मान्यताये है। कोई इसे शोभिवंत वस्तु के रूप में प्रयोग करकर अपने आशियाने की शोभा बढाता है , तो कोई दवा बनाता है। कही कही तंत्र मंत्र के लिए भी इसे ले जाते है। पर यह गलत है। यदि आपको चिड़िया का घोंसला मिलता है आप उसको अपने घर के सामने बाजू में टांग सकते हैं यह पॉजिटिव एनर्जी निर्माण करता है घर में आने वाली नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करता है।  यह बहुत ही शुभ होता है। आजकल माल में, दुकानों में भी यह महंगी कीमत में मिलने लगे है।

        पुराने घोसले तोड़ते समय आपको  सिर्फ यह सावधानी रखनी होगी कि कहीं उसके अंदर चिड़िया के अंडे तो नहीं है, अगर होंगे तो गलती से भी टूट जाते हैं। तो आपको भारी नुकसान हो सकता है। इसलिए आप इस बात का ध्यान रखें को जितना हो सके यह अधूरा वाला घोंसला ही इस्तेमाल करें। 


Image Source https://www.archedu.org



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