रत्न का हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है

रत्न क्या होते हैं ?

रत्ना कितने प्रकार के होते हैं?

रत्न का हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

किस व्यक्ति ने कौन सा रत्न धारण करना चाहिए?

रत्न पहनने के फायदे क्या है और नुकसान क्या है?

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            रत्न कोई एक असामान्य वस्तु है । रत्न प्रकृति ने हमें दिए हुए अनमोल तोहफा में से एक चीज है। रत्ना ग्रहों का सूक्ष्म रूप होते हैं, उनमें से निकलने वाली ऊर्जा हमारे शरीर को ,हमारे जीवन को प्रभावित करती है। जैसे किसी ग्रह से निकलने वाली वैश्विक किरणें ( कॉस्मिक रेज ) हमारे शरीर को प्रभावित करती है उसी तरह कि उस ग्रह के असली रत्न से निकलने वाली किरने हम पर असर करती है। ऋग्वेद में भी रत्न रत्नों का जिक्र है। 

       रत्नों का विभाजन तीन वर्गो में किया गया है।  

प्राणीज रत्न :- यह रत्न जीव जंतुओं के शरीर से प्राप्त किए जाते हैं। उदा:- मूंगा गजमुक्ता
वनस्पतिक रत्न:- यह वनस्पतियों से पाए जाते हैं।  वनस्पति में हुए बदलाव विशेष बदलाव और क्रियाओं की क्रियाओं के कारण यह उत्पन्न होते हैं।   जैसे तरुण मनी ध्वनि वंशलोचन
खनिज रत्ना :- यहां भूगर्भ में हुवी हलचल क्रियाओं से उत्पन्न होते हैं।   
       हर ग्रह के लिए एक विशिष्ट अपना तय होता है। उस ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। वैसे तो रत्ना कई प्रकार के होते हैं लेकिन उनमें से नौ रत्नों को ज्यादा महत्व दिया गया है।
पुखराज, नीला पुखराज, हीरा, मूंगा, लहसुनिया, मोती, पन्ना, मानिक
अब इन नौ  रत्नो के बारेमे विस्तार से जानते है।

मानिक/ माणिक्य रत्न :- (Ruby)

यह रत्न हलके गुलाबी रंग से अनारी लाल रंग का होता है । अंग्रेजी  रूबी कहते है। बर्मा देश में मिलनेवाले माणिक श्रेष्ठ मने जाते है। यह रत्न सूर्य ग्रह के आधिपत्य में आता है । सूर्य /रवि यह सेहत कारक ग्रह है । रवि ऊर्जा प्रदान करता है । मानिक रत्न मनुष्य के स्वास्थ्य पर परिणाम करता है । इसे धारण करने वाले की रोग प्रतिकारक शक्ति अच्छी रहती है।  उसी तरह रक्त संबंधित बीमारियों के लिए भी यह फायदेमंद है। आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ाने के लिए यह रत्न सहायकारी है। इससे संकोच वृत्ति ख़तम  है और इसे पहनने वाले व्यक्ति के अंदर नेतृत्वगुण आ जाते है। इसे ताम्बे में पहना जाता है।

नीलम/ नीला रत्न :- (Blue Sapphire)

 नीलम रत्न को नीलम रत्न को रत्ना का इतिहास बहुत ही पुराना है । पौराणिक कथाओं के मान्यता अनुसार राजा बलि के आंख से इसकी निर्मिति हुई,  पर असल में इसकी निर्मिती भूगर्भा के अंदर हुई है। पृथ्वी के पेट में मौजूद प्रचंड उष्णता और दबाव की वजह से इसमें प्रचंड ऊर्जा समाई हुई है। नीलम मनी के दो प्रकार होते हैं पहला होता है जल अनिल दूसरा होता है इंद्रनील। यह रत्ना शनि के प्रभाव में आता है। यह नीले या जामुनी रंग का होता है । यह रत्न वारिसना हक से मिलने वाली धन प्राप्ति , जमीन जायदाद खजाने का मिलना धन लाभ दर्शाता है। ज्यादा खर्च करने वाले लोग अगर इसे पहने तो खर्चों में कटौती आती है ।भाग्य खींच लाने का काम यह रत्न करता है ।

लहसुनिया रत्न :-  (Cats Eye/chrysobery )

 यह केतु का रत्न है। इसीलिए महत्वपूर्ण है।  दीखनेमे सुन्दर होता है। इसका रंग दूधिया या बिल्ली के आंख के समान होता है। इसपर पड़नेवाला प्रकाश एक लम्बी रेखा जैसा दिखता है। अँधेरे में इसे देखने पर यह बिल्ली के आँख के भाति  दिखता है। यह इसके आध्यात्मिक गुणों के लिए  जाता है। पिशाचबाधा से, करणीबाधा, जादू टोना, बुरे सपने इससे संरक्षण पाने के लिए इस रत्न का उपयोग करागर सिद्ध हुआ है । मानसिक परेशानी, पारिवारिक विवाद , आत्मविश्वास की कमी में यह रत्न लाभदायक है। ठण्ड के महीनो में होनेवाली बीमारिया इससे कम   होती है। शारीरिक व सांसारिक कष्ट से बचाता है।

गोमेद रत्न :- (Hessonite)


 यह राहु का रत्न है। अंग्रेजी में इसे हैसोनाइट कहते है। ये गार्नेट समूह है। इसका रंग गोमूत्र के जैसा या केसरिया होता है। क्रूरता व शक्तिशाली राहु इसका करक होने की वजह से कलियुग में इसका बोहोत प्रभाव।   यह अनेक दोषो को दूर करने  में सहाय्यक  है । भूत बाधा जादू टोने से बचने के लिए शत्रु पर विजय पाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। कालसर्प दोष से पीड़ित  लोगो ने इसे पहनना चाहिए। जिन्हे पेट सम्बंधित बीमारिया है वे इसे धारण  सकते है।

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 हीरा रत्न :- (Dimond,)  

सभी रत्नो में  से हिरा एक आकर्षक रत्न है। दीखनेमे सुन्दर होता  है।  यह रत्न शुक्र ग्रह के आधिपत्य में आता है। शुक्र ग्रह वैवाहिक सुख , प्रणय शुख व सौंदर्य कारक ग्रह है।  उसकी वजह से सुखी वैवाहिक जीवन के लिए इस रत्न का इस्तेमाल करना चाहिए । कलाकार, अभिनेता और सौंदर्य वर्धक वस्तुओं का व्यापार करने वाले लोगों के लिए यह रतन लाभदायक है। महिलाओ से जुड़े व्यपारियोके  लिए हिरा लाभदायक है।  हिरा रत्न जीवन में आनंद लाता है। बैबाहिक सम्बन्धो में सुधार आता है। हिरा धारण करने से उम्र बढती है। इसे सोना या प्लेटिनम में धारण करना चाहिए ।

पुष्कराज रत्न :- (Yellow Sapphire)

पुष्कराज यह रत्ना गुरु के आधिपत्य में आता है ।गुरु ग्रह विद्या का कारक है। गुरु के गुण सात्विक है, इसकी वजह से इस रत्न के इस्तेमाल से कोई नुकसान नहीं होता। यह रत्न  सुनहरे, पीले , गुलाबी या सफेद रंग का होता है । यह रत्न मन को शांति देता है। स्वीकृति बढ़ाता है । अध्यात्म में मन लगाता है । गुरु विद्या का अधिपति है इसीलिए विद्यार्थी, अध्यापक , शिक्षक सियासी लोगों को पुष्कराज के पहनने से शुभ फल मिलते हैं । उसी तरह संपत्तिके स्थिति ,संतति सौख्य में भी बढ़ोतरी होती है । इसे सोने में पहना जाता है।

पन्ना /पाचू रत्न :- (Emerald)


यह रत्न बुध ग्रह के आधिपत्य में आता है । इसका रंग हरा -रंग का होता है। इसमें ज्यादा हरे रंग का रत्न अच्छा माना गया है। जिन्हें बोलने में तकलीफ होती है, जिनकी वाचा में दोष है ,जिन्हें नर्वस सिस्टम की बीमारियां है ; उन लोगों के लिए यह रत्ना लाभदायक है। यह स्मरण शक्ति बढ़ाता है । व्यापार व्यवसाय करने वाले लोगों को, विक्रेता को, वक्ता, प्रवचन करने वाले, ज्योतिषी , इंश्योरेंस एजेंट, सेल्स मैन राजनितिज्ञ  लोगों को यह लाभ देता है । जहां लोगों को पटाने की बात आती है वहां यहां काम करता है । इसे सोने या चांदी में पहना जाता है।

 मूंगा  रत्न ( पोवला/प्रवाल ) /( Moonga -Red Coral ) :-

पिवला इस रत्नों पर मंगल ग्रह का अधिपत्य है। यह रत्न लाल या केसरिया रंग का होता है। वैसे ही सफेद या काले रंग के भी पोवले मिलते हैं । जो लोग साहस पूर्ण काम करते हैं ; जैसे कि पुलिस, कमोडो, संरक्षक दल , आर्मी, सिक्यूरिटी गार्ड, एडवेंचरस हंक, पायलट इत्यादि क्षेत्रों में काम करने वाले व्यक्तियों ने यह पहनना चाहिए । डरपोक या ठंडे स्वभाव के  लोगों को इससे विशेष लाभ मिलता है। इस रत्न की वजह से अधिकार और प्रतिष्ठा बढ़ती है। गुस्सैल, शॉर्ट टेंपर्ड लोगों ने यह रत्न धारण नहीं करना चाहिए। इसे तांबा या सोने के धातु में पहनना पहनते हैं ।

मोती रत्न :- (Pearl)

समुद्र  में मौजूद सिपला जिव के अंदर इसकी निर्मिति होती है। पुराणों में ,मोती को  शुभ माना गया है। ज्यादातर आभूषणों में इसे  पहना जाता है। यह रत्न चंद्र का अधिपत्य करता है। चंद्र मन का कारक है।। मन की विशालता, कल्पना शक्ति व विचार करने की क्षमता को यह बढ़ाता है। कवि, लेखक, चित्रकार, संगीतकार ,कलाकार , फनकार, कला क्षेत्रों के व्यक्तियों को इसे पहनना चाहिए । मोती शारीरिक शक्ति बढ़ाता  है।  गुस्सैल शार्ट तेंपर्ड लोगो ने रतनगर पहना अगर यह रत्न पहना तो उन्हें तो उनके स्वभाव में फर्क पड़ता है ।मोती ठंड प्रकृति का रचना है । मन स्थिर हो जाता है। इसे चांदी में पहनते हैं।

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