रिश्तेदार या दोस्त की कार में कैसे बैठे ??


दोस्तों आप में से 90 % लोग कभी ना कभी किसी ना किसी कार में तो बैठे ही होंगे। किसी भी कार का कार में बैठने के बाद उसका दरवाजा कितनी जोर से कितनी जोर से लगाने के बाद लगेगा इसका कोई अंदाजा नहीं है।
 आप सोचेंगे इसमें क्या बड़ी बात है ; पर ध्यान देंगे तो बहुत बड़ी बात है।  बहुत बड़ी प्रॉब्लम है। जिसका हल भगवान के पास भी नहीं है।
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        ऐसा  समझें  आप रास्ते से जा रहे हैं ; और आपके दोस्त की कार पीछे से आई।, उसने आपको देख कर कर गाड़ी रोकी  और आप को लिफ्ट ऑफर की। आप उस कार  की  फ्रंट सीट पर आकर बैठे। आप ने अदब अभी दिखाते हुए धीरे से कार का दरवाजा खींच लिया और बंद कर लिया।  ताकि ज्यादा आवाज ना हो। पर वह ठीक ठीक से लगा नहीं। पीछे  दोस्त की बीवी बैठी है। वह यह सब देख रही है। फिर आपका दोस्त जरा झुकता है। दरवाजा खोलता है। और जोर से खींच कर लगा देता है। फटाक से आवाज आती है। उस आवाज से आप थोड़ा सहम जाते हैं। और दोस्त की बीवी  आपको देख कर एक आह भर्ती है। उसे  आह  में इतना उसमें इतना पावर होता है। उसका मतलब होता है जाने कैसे कैसे लोग होते हैं।   जिनको ठीक. से कार का दरवाजा भी लगाने नहीं आता।  जैसे वह पहली बार किसी कार में बैठे हैं। यह बात आपके ध्यान में आती है आप उनको प्रणाम करने के लिए जैसे ही पीछे मुड़ते हैं।  वह खिड़की से बाहर देखने लग जाती है। अगर आप का परिचय ज्यादा है, तो वहां सिर्फ वह भी प्रणाम करती है। और चेहरे पर एक झूठी मुस्कान जबरदस्ती से लाई जाती है। जैसे ही आप हो उन्हें प्रणाम करने के लिए पीछे मुड़ते हैं वह तुरंत खिड़की के बाहर नजर करके बाहर के नजारे देखने लग जाती है।  हालांकि बाहर देखने जैसा कुछ भी नहीं होता। और दूसरी बार आह भर्ती है ईस आह या हम्म्म्म में इतनी पावर होती है, कि आपको लगे कि आप उसी चलती गाड़ी के नीचे उतर जाए और उसी चलती गाड़ी के नीचे अपनी जान दे दें। लेकिन आप यह विचार त्याग देते है। क्युकी ऐसी गाड़ी के नीचे जान जाने की कोई गारंटी नहीं होती ।
    गाड़ी का गाड़ी का हाल देखकर आपने दरवाजा इतनी धीमी तरीके से लगाया था , जैसे जोर से दरवाजा लगाने पर दरवाजा टूट ना जाए। यह सोचकर दरवाजा धीरे लगाया था।

         अब आप दरवाजा धीरे से लगाया इसकी जगह सोचके चलिए की आपने दरवाजा जोर से लगाया।  तो क्या होगा ?? तो बड़ी आवाज होगी  लोग सोचेंगे किसको दरवाजा भी लगाना नहीं आता।  अगर आप जोर से दरवाजा लगाएंगे लोग सोचेंगे कितना गवार आदमी है , लगता है पहली बार कार में बैठा है , इसे ठीक से दरवाजा लगाने भी नहीं आता। आप क्या करेंगे???  तो अगली बार अगर आप किसी की कार  में बैठे तो इस बात पर गौर जरूर कीजिएगा। कार अगर पुरानी है , या नयी है। तो उसका दरवाजा किस तरह से लगेगा यह समझना मुश्किल है। 
 प्रोबलम यही पे ख़त्म नहीं हो जाती।  एक प्रॉब्लम और है। वो  है आपके बैठने का तारिका।
अगर आप आराम से रिलैक्स होकर बैठते हो तो लोग सोचेंगे पहली बार कार में बैठा है , कितना तन कर बैठा है।  आराम से बैठा है शान से बैठा है।  या फिर बैठकर शाइन मार रहा है।
इसके उलटा अगर आप ऑकवर्ड फील करके बैठे।  या सीट से थोडा ऊपर उठके बैठे। बैठके सिर्फ बहार की तरफ देखेंगे। ऊपर लगा हुवा हंडल या सामने की सीट को पकड कर बैठे।  तो लोग सोचेंगे ये कार  में पहली  बार बैठा है।   है ना प्रॉब्लम??
 ये  ऐसे  प्रॉब्लम है जिसका हल भगवान के पास भी नहीं ।
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