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दुनिया के तमाम खिलाडी गोल्ड मेडल के पीछे भागते है। लेकिन एक ऐसी खिलाडी है जीसके पीछे गोल्ड मेडल भाग रहा है। जी हा यहाँ जिक्र हो रहा है आसाम के हिमा दास का। असम की रहने वाली हिमा दास World U-20 Championships 2018, फीनलैंड मे स्वर्णपदक जीतकर रातोंरात स्पोर्टस्टार बन गयी। १९ दिन के अंदर 5 गोल्ड मेडल जीतने वाली हिमा दास की कहानी काफी दिलचस्प है। हिमा को मिली इस कामयाबी ने देश का नाम दुनिया में रोशन कर दिया। इसके बाद पूरा देश उन्हें बधाइयां दे रहा है। असंम राज्य के छोटे गाव से वो कैसे ढिंग एक्सप्रेस बनी क्या आपको पता है? ॲथलिट मे लगातार गोल्ड मैडल हसिल करनेवाली हिमा दास का नाम आज सबकी जुबा पर है। एक महीने के भीतर उसने 5 गोल्ड मेडल हासिल करने की उसकी की कहानी भी काफी दिलचस्प है। 18 साल की हीमा नगांव जिलेके ढिंग नामके एक छोटेसे गाव में रहने वाली है। हिमा का जन्म आसाम राज्य के नागाव जिले के कंधुलीमारी नाम के गांव में 9 जनवरी 2000 को हुआ था। उनके पिता का नाम रणजीत दास तथा माता का नाम जोनाली दास है। उसका जन्मस्थान ढिंग है इसी लिये उसे ढिंग एक्सप्रेस कहते है।
अठारा साल की हिमा ने दो साल पहले रेसिंग ट्रॅक्र पर कदम रखा था। हिमा एक दलित किसान परिवार से तालुका रखती है। 5 भाई बहनो मे सबसे छोटे हीमा के पिता असम के नगाव जिले के ढींग गाव के रहने वाले है। उसके पिता का नाम रंजीत दास है। रंजीत एक आम किसान है। रणजी दास मात्र दो बिघा जमीन पर खेती करके परिवार के सदस्य की आजीविका चलाते है। हीमा एक संयुक्त परिवार से हैं। उसके घर में कुल 16 सदस्य हैं। हिमा दास को बचपन से ही खेल का शोक था। इसलिये वह अपने पिता के खेत मे लडको के साथ फुटबॉल खेला करती थी। शुरुआत में हिमा को फ़ुटबॉल खेलने का शौक था, वे अपने गांव या ज़िले के आस पास छोटे-मोटे फ़ुटबॉल मैच खेलकर 100-200 रुपये जीत लेती थी। जवाहर नवोदय विद्यालय के पि टी टीचर ने हिमा को रेसर बनने की सलाह दी । पैसो की कमी की वजहसे हीमा के पास दौड़ने की प्रैक्टिस करने के लिए अच्छे जूते भी नही थे। जिला स्तर की प्रतियोगिता में 'स्पोर्ट्स एंड यूथ वेलफेयर' के निपुन दास की नजर में हिमा का करतब आया। उन्होंने हिमा दास के परिवार से हिमा को गुवाहाटी भेजने की गुजारिश की। गुवाहाटी उनके गांव से करीब करीब 140 किलोमीटर दूरी पर था। हिमा ने पहले तो मना कर दिया पर बादमे वे उसे भेजने के लिए कुबूल हो गए।
हिमा दास का परिवार |
स्थानीय कोच निपून दास की सलाह मानकर जिल्हास्तर पर १०० मिटर और २०० मिटर की स्पर्धा मे हिमा ने गोल्ड मेडल हासिल किया तो कोच भी हैरान रह गये। निपून दास हिमा को लेकर गुवाहाटी आ गये। हिमा दास ने जिला स्तर की दौड़ स्पर्धा मे सस्ते जूते पहन कर दौड लगाई और गोल्ड मेडल हासिल किया। हीमा दास की दौड़ने की गति अद्भुत थी। निपुण दास ने हिमा के हुनर को जाना और गुवाहाटी लेकर आगये। कोच ने उसका खर्च स्वयं किया। शुरू में उसे २०० मीटर की रेस के लिये तयार किया गया, बाद में वो 400 मीटर की रेस लगाने लगी। इसके बाद हिमा दास का करियर रुका नही। 25 सितम्बर 2018 को हिमा को राष्ट्रीय पुरुस्कार (National Awards) अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया। एक गरीब परिवार से तालुका रखने वाली हिमा दास जब आंतर्राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा मे जा पहुची तो उसने १९ दिन में लगातार 5 गोल्ड मेडल हासिल कीये। आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उन्नीस दिन मे 5 गोल्ड मेडल असेल करके हीमा दासने वर्ल्ड रेकॉर्ड बना दिया। वह पहिली भारतीय महिला बनी है जिसने वर्ल्ड अथलेटीक चॅम्पियन ट्रॅक में गोल्ड मेडल जीता है। हिमा ने 400 मीटर की रेस 51.46 सेकंड मे खतम करके अपने आप में एक वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाया है। हिमा दास की सफलता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , राष्ट्रपती रामनाथ कोविंद और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्विटर से बधाई दी । इसके अलावा मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर ने भी कहा है हीमा तुम्हारी जीत भारत के युवावो के लिये प्रेरणा है।
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हिमा दास की कमजोर इंग्लिश की वजह से एथेलेटिक्स संघ द्वारा ट्वीट करके उसका मजाक उड़ाया गया था। बादमे हिमा दास के फाइनल जीतने के बाद उन्होंने उसकी माफी भी मांगी।
हिमा दास ने अपने गोल्ड मैडल जितने की बातको घर पर फोन करके बताई , तो घरवालों को कुछभी अचरज नहीं हुवा। उनका रिएक्शन ठंडा था। शायद वे इसकी अहमियत नहीं जानते थे। यह देखकर हिमा उदास हुवी और उसने फोन रख दिया। हिमा ने भारत के लिए क्या करके दिखाया है उसका हिमा के परिवारवालों को जरा भी इल्म नहीं था। दूसरे दिन सुबह हिमा पिताजी बाजार जाने निकले तभी उन्हें मिडिया की गाडीया अपने घर की तरफ आती दिखी , कुछ ही पल में पत्रकारो , और कमेरो और लोगो की भीड़ जमा हुवी। तब उन्हें पता चला की उनकी बेटी ने क्या कर दिखाया है।
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देखते है हिमा दास ने कब कोनसे प्रतियोगिता में बाजी मारी।
अप्रैल 2018 में गोल्ड कोस्ट में खेले गए कॉमनवेल्थ खेलों की 400 मीटर की स्पर्धा में हिमा दास ने 51.32 सेकेंड में दौर पूरी करते हुए छठवाँ स्थान प्राप्त किया था।पहला स्वर्ण पदक :
2 जुलाई- पोलैंड में पोजनान एथलेटिक्स ग्रांड प्रिक्स में 200 मीटर रेस 23.65 सेकंड में सेकंडमें पुरी करके स्वर्ण पदक हासिल किया।
दूसरा स्वर्ण पदक :
7 जुलाई कुटनो एथलेटिक्स
२०० मीटर प्रतियोगिता में 23.97 सेकंड के साथ 1 मीटर दौड़ में स्वर्ण।
23.97 सेकंड के समय के साथ पोलैंड में कुट्नो एथलेटिक्स मीट में अपना दूसरा 200 मीटर का स्वर्ण पदक जीता।
तीसरा स्वर्ण पदक :
13 जुलाई चेक गणराज्य
यहां कैंडो एथलेटिक्स मीट में 200 मीटर रेस 23.43 सेकंड के साथ ण पदक हासिल किया।
चौथा स्वर्ण पदक :
18 जुलाई, चेक गणराज्य
ताबोर एथलेटिक्स मीट में , 200 मीटर दौड़ में23. 25 सेकंडमें पुरी करके स्वर्ण पदक हासिल किया ।
पांचवा स्वर्ण पदक :
20 जुलाई चेक गणराज्य
नोवा मस्तोनॉड मेटुजी ग्रांप्री । 400 मीटर दौड़ 52.09 सेकंड में पुरी करके स्वर्ण पदक हासिल किया।
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