क्या आपने कभी सोचा है कि कितने मजबूत हो सकते हैं इंसान के बाल।
हवाई जहाज बांधने के लिए जिस धातु एलुमिनियम का प्रयोग करते हैं उसकी मजबूती इंसानी बाल के बराबर ही होती है। अपने सर के बालों को बुनकर अगर एक बारीक रस्सी तैयार की गई तो वह रस्सी एक छोटी मोटर कार उठा सकती है । मजबूत बाल महीने 1 महीने में 3mm तक बढ़ते हैं ।सर्दियों से ज्यादा गर्मियों में ,और रात से ज्यादा दिन में बढ़ते है। जादा उम्र वालों की बाल ज्यादा झड़ते हैं ।
बाल पूरे शरीर घर में उगते हैं । सिर्फ हाथ के पंजे और तड़पाव छोड़ के उगते हैं । मनुष्य के सभी के सभी अंगों पर एक जैसे बाल नहीं होते । एक इंसान के शरीर पर लगभग 50000 तक बाल निकलते रहते हैं ।
बालों का अंतर्दर्शन सूक्ष्मदर्शी यंत्र से किया तो वह हिस्सा पेड़ों की अंतर रचना से बहुत ज्यादा मिलता जुलता दिखता है। बालों का बाहर का पृष्ठभाग हिस्सा यह एक के ऊपर एक लेअर देकर बनाया बना हुआ रहता है । तो अंदर का हिस्सा लंबे-लंबे तंतुओं से बना हुआ रहता है । यही लेयर बालों को शक्ति प्रतिष्ठापक बल देता है । इसमें इस के खाली हिस्से में बालों के रंग तत्व समाविष्ट हुए हुए रहते हैं । बीचों-बीच केस रक्षा वाहिनी रहती है । हड्डियों के अंदर जैसे एक चिकना प्रवाही रस होता है । वैसा बाल के बीचो-बीच बीच में यह इतना प्रवाही रस रहता है। किसी पाइप के जैसे आकार के रहने वाले प्रत्येक नली के निखिलेश्वर पर एक गोलाकार मूल्य होता है। वह रक्तवाहिनी से जुड़ा होता है। वहां कोषों की उत्पत्ति हो के नए कुछ पुराने पेशियो को इस नली के अंदर ऊपर ऊपर धकेलते रहते हैं। मनुष्य के सिर पर औसतन 1 इंच की जगह में साधारण 1000 बाल रहते हैं । और किसी मनुष्य या औरत के सर पर जितनी त्वचा में बाल रहते हैं उस त्वचा का पूरा क्षेत्रफल 120 चौरस इंच होता है। बाल हर महीने में 3 पॉइंट 8 से 3 पॉइंट 4 इंच स्पीड से बढ़ते रहते हैं। स्त्रियों के बालों की लंबाई 10 से 14 इंच होने के बाद उनके बाल बढ़ने का वेग कम होता है। तेजी मिलने से कम होता है बालों का कुरणे घुंघराला पर यह उसके आकार पर निर्भर रहता है। बाल गोल या लंबवर्तुल/ लंबगोल आकार या चट्टा होता है। बाल जिस प्रमाण में लंबा और चौड़ा प्रति वर्ष चपटा उस प्रमाण में उनका निर्माण होता है। हवा में ढीलापन रहा तो बाल कर्ली होते हैं । क्लिप वगैरह वालों को कृत्रिम घुंघराला पन लाते हैं । पर वह थोड़े टाइम के लिए रहता है । वालों का घुंघराला पन कुछ लोगों में अनुवांशिक भी होता है। मर्यादित घुंघराले बाल चेहरे का सौंदर्य बढ़ाते हैं ।
बाल सफेद क्यों होते हैं
बालों का रंग यह यह शरीर में निर्माण होने वाले और बालों की जड़ों को मिलने वाले मेलेनिन नामक रंगद्रव्य पर निर्भर होता है । जैसे उम्र बढ़ती है वैसे यह रंगद्रव्य कम मात्रा में निर्माण होता है । फिर बालों का रंग बदलने लगता है। पहले यह रंग हल्का भूरा होता है बाद में पूरा सफेद हो जाता है। कुुुुुछ लोगों के बाल कम उम्र में सफेद होने लगते हैं तो यह रंगद्रव्य की वजह से। रंगद्रव्य निर्माण प्रक्रिया में बाधा या रुकावट आ जाती है। रंगद्रव्य निर्माण प्रक्रिया में बाधा आने से यहां होता है। इसके विविध कारण हो सकते हैं|
1) अनुवांशिक प्रकृति दोष
2) मानसिक आघात या मनोव्यथा
3) कुछ दीर्घकालीन बीमारियां
रंगद्रव्य जरूरत के हिसाब से निर्माण होना चाहिए इसीलिए अब तक इस पर कोई भी इलाज नहीं निकला है
मतलब सफेद बाल काले करने वाला कोई भी शास्त्र शुद्ध दवाई अब तक नहीं मिली है । कलाप से बाल काले होते हैं पर कलप लगाने से उनमें रचना ,बनावट में बदलाव आकर वह गलत लगते हैं ।
बालों के झड़ने की समस्या से भी बहुत लोग परेशान होते हैं। इसलिए बालों का सफेद बाल चलते हैं पर टक्कल नहीं होना चाहिए ऐसा कहते हैं । कलप , मेहंदी वगैराह रासायनिक रंगद्रव्य से कलर डाई हेयर डाई कलर लगाने से अच्छा है ।किसी आयुर्वेदिक दवाई जैसे ब्रामही और या मका से बनाई हुई वनस्पति तेल बालों में लगा सकते हैं । बालों के बालों की जड़ों को रक्त का खून का पुरवठा बराबर ठीक मात्रा में जब होता नहीं है तब वालों की बस्ती उजड़ने लगती है। सर की हड्डियों में चूने का प्रमाण बढ़ता है । एक्सेसिबिलिटी केशन ऑफ सर्कल एरिया यह पतलापन बढ़ने का एक कारण है ।पतलापन पड़े हुए लोगों के मरने के बाद की हुई जांच में यहां पता चला है टक्कल पडणे का दूसरा कारण है की त्वचा में सजेशन। दूसरा कारण यह है कि त्वचा में सजेशन ग्रंथि में कुछ रासायनिक द्रव्य उत्पन्न होते हैं । उन का उत्पादन अतिरिक्त यानी ज्यादा प्रमाण में हुआ की वालों की बालों का बढ़ना पूरी तरह से रुक जाता है। वह टक्कल होता है ।
तीसरा कारण है कि डर चिंता मानसिक तनाव इन अवस्थाओं का शरीर की ग्रंथियों के ग्रंथि के स्राव पर वह रक्ताभिसरण पर परिणाम होता है।
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हवाई जहाज बांधने के लिए जिस धातु एलुमिनियम का प्रयोग करते हैं उसकी मजबूती इंसानी बाल के बराबर ही होती है। अपने सर के बालों को बुनकर अगर एक बारीक रस्सी तैयार की गई तो वह रस्सी एक छोटी मोटर कार उठा सकती है । मजबूत बाल महीने 1 महीने में 3mm तक बढ़ते हैं ।सर्दियों से ज्यादा गर्मियों में ,और रात से ज्यादा दिन में बढ़ते है। जादा उम्र वालों की बाल ज्यादा झड़ते हैं ।
बाल पूरे शरीर घर में उगते हैं । सिर्फ हाथ के पंजे और तड़पाव छोड़ के उगते हैं । मनुष्य के सभी के सभी अंगों पर एक जैसे बाल नहीं होते । एक इंसान के शरीर पर लगभग 50000 तक बाल निकलते रहते हैं ।
बालों का अंतर्दर्शन सूक्ष्मदर्शी यंत्र से किया तो वह हिस्सा पेड़ों की अंतर रचना से बहुत ज्यादा मिलता जुलता दिखता है। बालों का बाहर का पृष्ठभाग हिस्सा यह एक के ऊपर एक लेअर देकर बनाया बना हुआ रहता है । तो अंदर का हिस्सा लंबे-लंबे तंतुओं से बना हुआ रहता है । यही लेयर बालों को शक्ति प्रतिष्ठापक बल देता है । इसमें इस के खाली हिस्से में बालों के रंग तत्व समाविष्ट हुए हुए रहते हैं । बीचों-बीच केस रक्षा वाहिनी रहती है । हड्डियों के अंदर जैसे एक चिकना प्रवाही रस होता है । वैसा बाल के बीचो-बीच बीच में यह इतना प्रवाही रस रहता है। किसी पाइप के जैसे आकार के रहने वाले प्रत्येक नली के निखिलेश्वर पर एक गोलाकार मूल्य होता है। वह रक्तवाहिनी से जुड़ा होता है। वहां कोषों की उत्पत्ति हो के नए कुछ पुराने पेशियो को इस नली के अंदर ऊपर ऊपर धकेलते रहते हैं। मनुष्य के सिर पर औसतन 1 इंच की जगह में साधारण 1000 बाल रहते हैं । और किसी मनुष्य या औरत के सर पर जितनी त्वचा में बाल रहते हैं उस त्वचा का पूरा क्षेत्रफल 120 चौरस इंच होता है। बाल हर महीने में 3 पॉइंट 8 से 3 पॉइंट 4 इंच स्पीड से बढ़ते रहते हैं। स्त्रियों के बालों की लंबाई 10 से 14 इंच होने के बाद उनके बाल बढ़ने का वेग कम होता है। तेजी मिलने से कम होता है बालों का कुरणे घुंघराला पर यह उसके आकार पर निर्भर रहता है। बाल गोल या लंबवर्तुल/ लंबगोल आकार या चट्टा होता है। बाल जिस प्रमाण में लंबा और चौड़ा प्रति वर्ष चपटा उस प्रमाण में उनका निर्माण होता है। हवा में ढीलापन रहा तो बाल कर्ली होते हैं । क्लिप वगैरह वालों को कृत्रिम घुंघराला पन लाते हैं । पर वह थोड़े टाइम के लिए रहता है । वालों का घुंघराला पन कुछ लोगों में अनुवांशिक भी होता है। मर्यादित घुंघराले बाल चेहरे का सौंदर्य बढ़ाते हैं ।
बाल सफेद क्यों होते हैं
बालों का रंग यह यह शरीर में निर्माण होने वाले और बालों की जड़ों को मिलने वाले मेलेनिन नामक रंगद्रव्य पर निर्भर होता है । जैसे उम्र बढ़ती है वैसे यह रंगद्रव्य कम मात्रा में निर्माण होता है । फिर बालों का रंग बदलने लगता है। पहले यह रंग हल्का भूरा होता है बाद में पूरा सफेद हो जाता है। कुुुुुछ लोगों के बाल कम उम्र में सफेद होने लगते हैं तो यह रंगद्रव्य की वजह से। रंगद्रव्य निर्माण प्रक्रिया में बाधा या रुकावट आ जाती है। रंगद्रव्य निर्माण प्रक्रिया में बाधा आने से यहां होता है। इसके विविध कारण हो सकते हैं|
1) अनुवांशिक प्रकृति दोष
2) मानसिक आघात या मनोव्यथा
3) कुछ दीर्घकालीन बीमारियां
मतलब सफेद बाल काले करने वाला कोई भी शास्त्र शुद्ध दवाई अब तक नहीं मिली है । कलाप से बाल काले होते हैं पर कलप लगाने से उनमें रचना ,बनावट में बदलाव आकर वह गलत लगते हैं ।
बालों के झड़ने की समस्या से भी बहुत लोग परेशान होते हैं। इसलिए बालों का सफेद बाल चलते हैं पर टक्कल नहीं होना चाहिए ऐसा कहते हैं । कलप , मेहंदी वगैराह रासायनिक रंगद्रव्य से कलर डाई हेयर डाई कलर लगाने से अच्छा है ।किसी आयुर्वेदिक दवाई जैसे ब्रामही और या मका से बनाई हुई वनस्पति तेल बालों में लगा सकते हैं । बालों के बालों की जड़ों को रक्त का खून का पुरवठा बराबर ठीक मात्रा में जब होता नहीं है तब वालों की बस्ती उजड़ने लगती है। सर की हड्डियों में चूने का प्रमाण बढ़ता है । एक्सेसिबिलिटी केशन ऑफ सर्कल एरिया यह पतलापन बढ़ने का एक कारण है ।पतलापन पड़े हुए लोगों के मरने के बाद की हुई जांच में यहां पता चला है टक्कल पडणे का दूसरा कारण है की त्वचा में सजेशन। दूसरा कारण यह है कि त्वचा में सजेशन ग्रंथि में कुछ रासायनिक द्रव्य उत्पन्न होते हैं । उन का उत्पादन अतिरिक्त यानी ज्यादा प्रमाण में हुआ की वालों की बालों का बढ़ना पूरी तरह से रुक जाता है। वह टक्कल होता है ।
तीसरा कारण है कि डर चिंता मानसिक तनाव इन अवस्थाओं का शरीर की ग्रंथियों के ग्रंथि के स्राव पर वह रक्ताभिसरण पर परिणाम होता है।
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