मलेरिया हर साल सैकड़ों लोगों की जान ले लेता है। इससे फैलने के कई तरीके हैं। हालांकि, इस जानकारी के सार्वजनिक रूप से प्रचार की कमी के कारण, आम नागरिक उससे अनभिग्न हैं।यदि आप ऐसी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देते हैं, तो आप मलेरिया से मुक्त हो सकते हैं।
पिछले वर्ष भारत में 18 लाख लोगों को मलेरिया हुआ था। दुनिया में हर वर्ष लगभग 30 से 50 मिलियन लोग मलेरिया से पीड़ित होते हैं। सही इलाज न मिलनेपर उनमें से हजारोंकी मौत हो जाती है। दुनियामें हर 30 सेकंड में 1 बालक की मृत्यु मलेरिया की वजह से हो जाती है। पिछले कुछ वर्षों में फाल्सीपेरम मलेरिया ने तो कहर ही बरसाया है। डॉक्टर के अनुसार, यह मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है।Image from pexels.com |
मलेरिया के कारण मौतें
प्रस्तुत आकड़ो के अनुसार सन 2000 से 2015 तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मलेरिया के कारण होने वाली मौतों की कुल संख्या और 1990 से 2017 तक इंस्टीट्यूट ऑफ़ हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME), ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (GBD) का अनुमान बताते हैं। ये अनुमान विभिन्न देशों में उल्लेखनीय रूप से भिन्न हैं जो रिपोर्ट की गई मौतों की कुल संख्या को प्रभावित करते हैं। IHME आंकड़े, उच्च होने की आशंका है; वे 2015 में 658,000 लोगों की मृत्यु की रिपोर्ट करते हैं, जो डब्ल्यूएचओ से केवल 438,000 है। डब्ल्यूएचओ के अनुमानों के आत्मविश्वास के अंतराल पर और इन दोनों स्रोतों के बीच एक देश-स्तरीय तुलना डेटा गुणवत्ता और परिभाषाओं पर हमारे खंड में शामिल है।WHO से मलेरिया से हुई मौत का अनुमान
21 वीं सदी की शुरुआत के बाद से, डब्ल्यूएचओ ने मलेरिया से मरने वाले लोगों की संख्या के वैश्विक अनुमान प्रकाशित किए हैं। इन 15 वर्षों में वैश्विक मृत्यु दर आधे में कटौती की गई है: 839,000 मौतों से 2000 में 2015 में 438,000 तक।विश्व क्षेत्रमें अफ्रीका देश मलेरिया से सबसे अधिक प्रभावित है। 2015 में, अफ्रीकी महाद्वीप ने 10 में से 9 लाख मलेरिया पीड़ितों को देखा गया । अफ्रीका एक विशाल विश्व क्षेत्र है। जिसने मलेरिया के निपटारे में सबसे अधिक प्रगति हासिल की है। 2000 से 2015 तक, मलेरिया से अफ्रीकी मौतें 764,000 से घटकर 395,000 हो गई थीं।
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मलेरिया कितने प्रकार के होते है?
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'मलेरिया' के चार प्रकार
(1) प्लाजमोडियम फेल्सीपेरम।(२) प्लाजमोडियम विवैक्स।
(३) प्लाजमोडियम मलेरिया।
(४) प्लाजमोडियम अंडाकार।
प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम और प्लास्मोडियम विवैक्स में बीमारी होने की आशंका कम होती है लेकिन फाल्सीपेरम मलेरिया सबसे खतरनाक होता है और इसका संक्रमण बहुत तेजी से होता है।
बारिश के पानी को घर के आसपास न बहाएं और मच्छरदानी लगाकर सोएं।
मलेरिया कैसे फैलता है -
'मलेरिया' एक वायरस से संक्रमित है। वायरस मच्छर के काटने से संक्रमित होता है । जबकि मच्छर काटता है तब मच्छर का खून शरीर में प्रवेश करता है। उसके साथ मलेरिया का वायरस शरीर में प्रवेश करता है और सीधे पेट में पहुँचता है। उस स्थान पर वह आपनी संख्या बढ़ाता है। 8-9 दिनों में, यह वायरस बड़ा हो जाता है और लाल रक्त कोशिकाओं पर हमला करता है। और वे उस स्थान पर अपनी संख्या बढ़ाते हैं।कितनी खतरनाक है यह बीमारी -
एनोफ़ेलीज़ का संक्रमण मलेरिया बैक्टीरिया का संक्रमण है। यह मलेरिया, मलेरिया से पीड़ित व्यक्ति को काटता है और जब रक्त अवशोषित होता है, तो मलेरिया वायरस मच्छर के शरीर में प्रवेश करता है। यदि मच्छर उस व्यक्ति को काटता है जिसे मलेरिया नहीं है, तो वायरस उस व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है और वह व्यक्ति मलेरिया से संक्रमित होता है।मलेरिया के लक्षण
मच्छर के काटने के 10-15 दिन बाद बुखार, सिरदर्द, उल्टी आदि जैसे लक्षण व्यक्ति को महसूस होते हैं। यदि एक ही समय में इलाज नहीं किया गया तो और खतरनाक स्थितियां बन सकती हैं। क्योंकि व्यक्ति के शरीर के महत्वपूर्ण हिस्सों में रक्त की आपूर्ति नहीं होती है। इसलिए, उसे दुर्लक्षित किए बिना, समय पर उपचार होना चाहिए।मलेरिया का इलाज कैसे करें?
मलेरिया का निदान करना जरूरी है। अगर आप समय पर उपचार शुरू करते हैं, तो आप इससे आराम पा सकते है और अपनी बीमारी का अवधि कम कर सकते हैं। क्लोरोक्विन या कुनैन मलेरिया के लिए फायदेमंद हो सकता है। मलेरिया के साथ-साथ एस्पिरिन, डिसपेरिन और ब्रेफेन जैसी दवाओं का नियमित सेवन करना पड़ता है । यदि छोटे बच्चों को बुखार और अंग की परेशानी होती है, तो उन्हें पहले पेरासिटामोल की गोलियां दी जानी चाहिए। फिरभी आपको फर्क महसूस न हो तो खून की जांच करनी चाहिए। मलेरिया से ग्रसित व्यक्ति को बहुत सारा पानी पीना पड़ता है। इस बिमारी में डॉक्टर से सलाह आवश्यक होती है ।मलेरिया रोखने के तरीके ?
मच्छरों के पनपने के लिए अच्छी जगह होती है ठहरा हुवा पानी। जहा भी ठहरे हवे पानी के स्त्रोत मछरो को मिलते है वहा वे अपनी संख्या बढाना प्रारम्भ कर देते है। बरसात के मौसम में उनकी संख्या तेजी से बढाती है क्युकी हर जगह पानी इकठ्ठा होता रहता है। मच्छरों की रोखधाम के लिए कोइल , गुड नाइट , यूज़ करने से अच्छा है मच्छर पैदा ही न हो इसका ध्यान रखे। इसिलए अपने घर के आसपास साफ़ सफाई रखे। टूटे हुवे बर्तन ,ख़राब टायर , पौधों के गमले ,नारियल के कवच में पानी जमा न रहने दे। घर के आसपास की नालियों में मिटटी का तेल , गाड़ी का वेस्ट बचा हुवा इंजन आयल डालते रहे। नाली गटर का पानी बहता रहे इसका ध्यान रखे। रात के समय पुरे कपडे पहने। अनफिलिस मच्छर पैरो को ज्यादा काटते है। क्रीम , कोइल , गुड़ नाइट , अगरबत्ती, फ़ास्ट कार्ड जैसे साधनो का उपयोग करे। घर की खिड़कीयो को जालिया लगाए। शाम के समय दरवाजे बंद रखे
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Photo by Jimmy Chan from Pexels
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